यह मैने FACEBOOK पर पढ़ा :
एक (किसी देश के) रूढ़िवादी से पूछा गया
आप औरतों को सर से पाँव तक, और चेहरा भी ढककर रखने पे क्यों मजबूर करते हैं?
सज्जन ने दो मिठाइयाँ लीं,
एक का आवरण छिला
और दोनों को नीचे गिरा दिया.
"आप किसे लेना पसंद करेंगे?"
1. औरत एक वस्तु है
2. औरत एक संपत्ति है
3. औरत ऐसी वस्तु / संपत्ति है, जो नष्ट हो सकती है
4. कोई भी ऐरा ग़ैरा नत्थू खैरा उसे नष्ट कर सकता है
5. नष्ट करने वाले के विरुद्ध औरत अबला है
6. नष्ट होने से बचाना मालिक (पिता या पति) का कर्तव्य है.
7. औरत का कर्तव्य है मलिक की संपत्ति बने रहना
....
कम से कम कोई मिठाई को गिर जाने का दोष तो नहीं देता!
परंतु हमारे देश के "नेताओं" को कौन रोके!
"बलात्कार की शिकार महिला ही दोषी है"
मैं इस बारे में कुछ करना चाहती हूँ.
बलात्कारियों के बारे में नहीं, निंदूकों के बारे में.
कम से कम मैं स्त्री - अधिकार, स्त्री - सम्मान और स्त्रियों के विरुद्ध हिंसा के बारे में अपना रवय्या सर्व समक्ष स्पष्ट करना चाहती हूँ.
सभी ये जाने, की जब मेरी बच्ची बड़ी होगी, वह अपने जीवन कोअपने विचारों के अनुसार जिएगी, हर दिन, हर क्षण का भरपूर उपभोग करेगी. और जो व्यक्ति इसके लिए उसे दोषी ठहराएगा, जवाब तलब करेगा, उसे पहले मुझे जवाब देना होगा
काश ...
काश कि मैं भारत के (और बाकी दुनिया के भी) सभी कन्या शिशुओं (और पुत्र शिशुओं के भी) लिए इस ज़िम्मेदारी को निभाने का दावा कर सकती!
एक (किसी देश के) रूढ़िवादी से पूछा गया
आप औरतों को सर से पाँव तक, और चेहरा भी ढककर रखने पे क्यों मजबूर करते हैं?
सज्जन ने दो मिठाइयाँ लीं,
एक का आवरण छिला
और दोनों को नीचे गिरा दिया.
"आप किसे लेना पसंद करेंगे?"
1. औरत एक वस्तु है
2. औरत एक संपत्ति है
3. औरत ऐसी वस्तु / संपत्ति है, जो नष्ट हो सकती है
4. कोई भी ऐरा ग़ैरा नत्थू खैरा उसे नष्ट कर सकता है
5. नष्ट करने वाले के विरुद्ध औरत अबला है
6. नष्ट होने से बचाना मालिक (पिता या पति) का कर्तव्य है.
7. औरत का कर्तव्य है मलिक की संपत्ति बने रहना
....
कम से कम कोई मिठाई को गिर जाने का दोष तो नहीं देता!
परंतु हमारे देश के "नेताओं" को कौन रोके!
"बलात्कार की शिकार महिला ही दोषी है"
मैं इस बारे में कुछ करना चाहती हूँ.
बलात्कारियों के बारे में नहीं, निंदूकों के बारे में.
कम से कम मैं स्त्री - अधिकार, स्त्री - सम्मान और स्त्रियों के विरुद्ध हिंसा के बारे में अपना रवय्या सर्व समक्ष स्पष्ट करना चाहती हूँ.
सभी ये जाने, की जब मेरी बच्ची बड़ी होगी, वह अपने जीवन कोअपने विचारों के अनुसार जिएगी, हर दिन, हर क्षण का भरपूर उपभोग करेगी. और जो व्यक्ति इसके लिए उसे दोषी ठहराएगा, जवाब तलब करेगा, उसे पहले मुझे जवाब देना होगा
काश ...
काश कि मैं भारत के (और बाकी दुनिया के भी) सभी कन्या शिशुओं (और पुत्र शिशुओं के भी) लिए इस ज़िम्मेदारी को निभाने का दावा कर सकती!
1 comments:
Nice thought, I am with you
Post a Comment